Hudru Falls |
अगर आप है नये साल में अपने परिवार या दोस्तों के साथ किसी मनोरम पर्यटन स्थल में घूमने का मन बना रहे हैं, तो राजधानी से 45 किलोमीटर दूर स्थित हुंडरू फॉल एक बेहतर स्थान है. प्रकृति की गोद में बसे हुंडरू फॉल की खूबसूरती देखते ही बनती है. पहाडों के बीच में बसे इस जलप्रपात में 320 फीट की ऊंचाई से गिरते पानी देख कर मन खुशियों से भर जाता है. झरने से गिरते पानी की आवाज व घने जंगलों का दृष्य इसमें चार चांद लगा देता है. वैसे तो यहां सैलानियों का आना–जाना सालोभर लगा रहता है. परंतु दिसंबर से फरवरी माह के बीच यहां बड़ी तादाद में लोग पहुंचते हैं.
कैसे पहुंचे हुंडरू फॉल
हुंडरू फॉल पहुंचने के लिए रांची से दो रास्ते हैं. पहला रास्ता रांची
से ओरमांझी, सिकिदिरी होते हुए हुंडरू फॉल तक जाता है, जिसकी दूरी रांची
से 45 किलोमीटर है. इसी रास्ते में भगवान जैविक उद्यान और मुटा मगरमच्छ
प्रजनन केंद्र भी पड़ता है. सैलानी चाहे तो इन दोनों पयर्टन स्थलों की सैर
कर सकते हैं. दूसरा रास्ता रांची से अनगड़ा, गेतलसूद हाेते हुए हुंडरू फॉल
तक जाता है, जिसकी दूरी 42 किलोमीटर है. इस पथ से आने से जोन्हा व सीता
फॉल भी पहुंचा जा सकता है.
कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी
जलप्रपात के नीचे और ऊपर कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां स्नान करना खतरनाक
है. ऐसे स्थानों को ऊपर से देखने पर पानी और गहराई कम दिखाई देती है, परंतु
पानी के अंदर काफी गहराई होती है. जलप्रपात के ऊपर में साहेब चिकिया व
हुंडरू बाबा स्थल तथा नीचे में जोगिया दाह व भंडार दाह काफी खतरनाक हैं .
सुविधाएं
हुंडरू फॉल में सैलानियों के लिए 80 लाख रुपये की लागत से न्यू टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स व एक रेस्टोरेंंट बनाया गया है.
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